Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
सीबीआई अब यह जांच कर रही है कि क्या ये गलतियां लापरवाही का नतीजा थीं या फिर साक्ष्यों को प्रभावित करने के लिए जानबूझकर की गई थीं। अगर ऐसा पाया जाता है तो इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
कोलकाता। आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में कोलकाता पुलिस की विशेष जांच टीम की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस मामले की केस डायरी की जांच के दौरान कई गंभीर त्रुटियां पाई हैं, जिससे प्रारंभिक जांच की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में आ गई है।
सीबीआई अब यह जांच कर रही है कि क्या ये गलतियां लापरवाही का नतीजा थीं या फिर साक्ष्यों को प्रभावित करने के लिए जानबूझकर की गई थीं। अगर ऐसा पाया जाता है तो इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
गौरतलब है कि यह घटना 9 अगस्त को हुई थी, जब 31 वर्षीय महिला प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। कोलकाता पुलिस की विशेष जांच टीम ने पहले इस मामले की जांच की, लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया।
सीबीआई ने अदालत को यह भी बताया कि अब तक की जांच में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है और अपराध में एक बड़े षड्यंत्र की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। जांच एजेंसी के अनुसार, इस मामले में मुख्य आरोपित संजय राय ने अकेले अपराध को अंजाम दिया था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है, और सीबीआई अपनी केस डायरी अदालत में पेश करने की तैयारी कर रही है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस और सीबीआई की जांच रिपोर्ट के तुलनात्मक विश्लेषण से कई अहम तथ्य सामने आ सकते हैं।